Happy Choti Diwali 2019 Wishes Messages, Images, Diwali Pooja Vidhi | छोटी दिवाली को नर्क चतुर्दशी क्यों कहा जाता है?

छोटी दिवाली (Choti Diwali) 2019 या नर्क चतुर्दशी (Narak chaturdashi) 2019 के लिए happy choti diwali whatsapp messages, images, wishes, छोटी दिवाली date, छोटी दिवाली पूजा और chhoti diwali puja vidhi सभी के बारे में आज बात की जाएगी साथ ही में छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है और इसकी क्या कहानी है उस पर भी चर्चा करेंगे।


Happy Choti Diwali 2019 Wishes Messages, Images, Diwali Pooja Vidhi | छोटी दिवाली को नर्क चतुर्दशी क्यों कहा जाता है?

आपको बता दू की छोटी दिवाली या नर्क चतुर्दशी 2019 के साल में 27 अक्टूबर को रविवार के दिन मनाई जाएगी। Chhoti diwali को नरक चौदस, नर्क चतुर्दशी, नर्का पूजा के नाम से भी जाना जाता हे उसका कारण यह है की इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने 16,000 महिलाओं को अपना बंदी बना रखा था जिन्हें कृष्ण ने उसका वध करके पश्चात मुक्त कराया था। छुड़ाई हुई कन्याओं को सामाजिक मान्यता दिलवाने के लिए सभी को कृष्ण ने अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस तरह से नरकासुर से सभी को मुक्ति मिली और इस दिन से इसे नरकाचतुर्दशी के रूप में छोटी दिवाली मनाई जाने लगी। नरकचतुर्दशी दिवाली के पांच दिनों के त्योहार में से दूसरे दिन का त्योहार है। इस दिन के लिए मान्यता है कि इस दिन पूजा करने वाले को नरक से मुक्ति मिलती है।

Diwali से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। Choti deepavali 27 अक्टूबर को है। कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी यानी कि चौदहवें दिन आने वाले त्योहार को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इसे रूप चौदस (roop chaudas) भी कहा जाता है। छोटी दिवाली के मौके पर लोग गंगा स्नान करते हैं या अभ्यंग स्नान करते हैं। शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि इस दिन गंगा स्नान से जातक के सभी पाप मिट जाते हैं और वह नरक में जाने से बच जाता है।

ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन यम और माता महालक्ष्मी को प्रसन्न कर लेता है, उसे मृत्योपरांत नरक नहीं भोगना पड़ता है। 

जानिए नरक चतुर्दशी का क्या है महत्व

शास्त्रों में कहा गया है कि नरक चतुर्दशी कलयुग में मानव योनि में उत्पन्न हुए लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। कलयुगी मानव न जानते हुए भी अनेकों प्रकार के पाप कर लेता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि कलयुगी जीव इस दिन के नियमों और महत्व को समझें और उसका पालन करें। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तेल लगाएं। स्नान करने के बाद विष्णु मंदिर या कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन अवश्य करना चाहिए। इससे पाप कटता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है। 

अपने घर के बाहर यम का दीपक रखे

नरक चतुर्दशी पर कई घरों में रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीपक जलाकर पूरे घर में घुमाता है। फिर उसको ले जाकर घर से बाहर कहीं दूर रखकर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर ही रहते हैं और इस दीपक को नहीं देखते हैं। पुराणों के अनुसार यह यम का दीपक कहलाता है।

छोटी दिवाली को नर्क चतुर्दशी क्यों कहा जाता है?

श्रीमद् भागवत के अनुसार नरकासुर नाम का एक बड़ा ही पराक्रमी राक्षस था। जो भूमि से उत्पन्न हुआ था व आकाश में विचरण करते हुए आकाश में ही नगर बनाकर उसके भीतर रहता था। उसने देवताओं के भांति-भांति के रत्न ऐरावत हाथी, श्रवा घोड़ा, कुबेर के मणि व माणिक्य तथा पद्मनिधि नामक शंख भी उनसे छीन लिए थे। एक दिन सभी देवता नरकासुर के भय से पीड़ित होकर शचीपति इंद्र को साथ लेकर भगवान श्री कृष्ण के पास सहायता के लिए गए। उन्होंने भगवान को नरकासुर के बारे में बताया। 

उनकी सभी चेष्टाएं सुनकर भगवान श्री कृष्ण गरुड़ पर सवार होकर नरकासुर की नगरी में आए। वहां उन्होंने सभी राक्षसों का वध करके पांचजन्य शंख बजाया तो नरकासुर दिव्य रथ पर सवार होकर भगवान के पास आ गया और भगवान से युद्ध करने लगा। घमासान युद्ध हुआ तथा भगवान ने उसकी छाती पर जब दिव्य शस्त्र से प्रहार किया तो नरकासुर धरती पर गिर पड़ा। भूमि की प्रार्थना पर भगवान श्री कृष्ण नरकासुर के निकट गए तथा उसे वर मांगने को कहा। नरकासुर ने कहा कि जो मनुष्य मेरी मृत्यु के दिन मांगलिक स्नान करेगा उसे कभी नरक यातना नहीं मिलेगी। भगवान ने विभिन्न राजाओं की 16000 कन्याओं को नरकासुर की कैद से रिहा भी कराया था। नरकासुर के मारे जाने की खुशी में दीवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीवाली मनाई जाती है।

छोटी दिवाली पर आखिर क्यों की जाती है यमराज की पूजा?

इस दिन मृत्यु के देवता यमराज, महाकाली, श्रीकृष्ण व हनुमान जी के पूजन का विधान है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध करके उसके बंदी ग्रह में से कन्याओं को छुड़ावाया था। इसी दिन यमराज ने महापराक्रमी व राजा रन्तिदेव की गलती सुधारने के लिए उन्हे जीवनदान देकर नर्क के कोप से मुक्ति दिलाई थी। मान्यतानुसार देवऋषि नारद ने राजा हिरण्यगर्भ को कीड़े पड़ चुके हुए उसके शरीर पर से मुक्ति का मार्ग बताया था जिससे हिरण्यगर्भ को सौन्दर्य व स्वास्थ्य प्राप्त हुआ। इसी कारण इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में शरीर पर चंदन का लेप लगाकर तिल मिले जल से स्नान करने का महत्व है। इस दिन आद्या काली का उद्गम पर्व काली चौदस के रूप में मनाया जाता है तथा इसी दिन हनुमान जी का विजय पर्व भी उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन यमराज, श्रीकृष्ण, महाकाली हनुमान जी का विशेष पूजन किया जाता है। रात्रि के समय घर की दहलीज पर दीप लगाए जाते हैं। रूप चौदस के विशेष स्नान पूजन व उपायों से लंबे समय से चल रही बीमारी दूर होती है। काले जादू का असर खत्म होता है, कर्ज़ से मुक्ति मिलती है, व्यवसायिक परेशानियां दूर होती हैं, नर्क से मुक्ति मिलती है तथा व्यक्ति लंबे समय तक जवान व खूबसूरत रहता है व उसे हर क्षेत्र में जीत हासिल होती है।

Happy Choti Diwali 2019 Wishes Images, Quotes, Messages

Choti diwali 2019 पर दिए जलाने, मिठाई बांटने, पूजा करने और नए कपड़े पहनने के अलावा आप अपने सगे-संबंधियों को दिवाली की शुभकामनाएं भी देते हैं। तो अब और इंतजार क्यों करना, जल्दी ही आप इन whatsapp Messages, imeges, और wallpaper के जरिए अपने परिजनों को छोटी दिवाली (happy choti diwali or happy chhoti diwali) की बधाई दें।

छोटी दिवाली 2019 messages और दिवाली shayari (Choti Diwali Messages in Hindi और Choti Diwali SMS in Hindi) - Happy Narak Chaturdashi 2019


पूजा से भरी थाली है
चारो और खुशहाली है
आओ मिलके मनाए ये दिन
आज छोटी दिवाली है
आपके और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं 
छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

ये दिवाली आपके जीवन में खुशियों की बरसात लाये
धन और शोहरत की बारिश करे
छोटी दिवाली की सप्रेम मंगल कामनाएं

दीपक के प्रकाश की तरह ही आपके जीवन में
चारो ओर रोशनी हो
बस यही कामना है हमारी इस छोटी दिवाली पर
छोटी दिवाली की हार्दिक बधाई

दिवाली का ये प्यारा त्यौहार
जीवन में लाये खुशियां अपार
माता लक्ष्मी विराजे आपके द्वार
सभी कामना आपकी करे स्वीकार
आपको छोटी दिवाली की बधाई

दीयों के संग
खुशियों के रंग
हो जाये मलंग
लेके नयी उमंग
छोटी दिवाली की ढेरो शुभकामनाएं

पल पल सुनहरे फूल खिले
कभी न हो कांटो का सामना
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे
छोटी दिवाली पर हमारी यही शुभकामना

सुख सम्पदा आपके जीवन में आये
लक्ष्मी जी आपके घर में समायें
भूल कर भी आपके जीवन में
कभी दुःख ना आ पाए
हैप्पी छोटी दिवाली

ये दिवाली आपके जीवन में खुशियों की बरसात लाए,
धन और शौहरत की बौछार करे
छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

अच्छे की बुरे पर विजय हो
हर जगह बस आप ही की जय हो
छोटी दिवाली धूम धाम से मनाये
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं

छोटी दिवाली के इस पावन एवं मंगल अवसर पे
आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हो
खुशियां आप के कदम चूमे
इसी कामना के साथ
आप को एवं आप के परिवार को
छोटी दिवाली की ढेरों बधाई

माता लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहे
सफलता आपको हर कहीं मिले
छोटी दिवाली की मंगल शुभकामनाएं

नरक चतुर्दशी की पूजा विधि (chhoti diwali puja vidhi और time)

मध्यान के समय घर की दक्षिण दिशा में लाल कपड़े पर नए खरीदे तांबे के कलश में जल, सिक्के सुपारी, इत्र, सिंदूर, अक्षत आदि डालकर और उसपर पीपल के पत्ते रखकर यम कलश स्थापित करें। पास में ही नए खरीदे हुए काली, कृष्ण हनुमान और महादेव का चित्र स्थापित करें। संध्या के समय प्रदोष काल में आद्या काली, यमराज, श्रीकृष्ण व हनुमानजी का विधिवत पूजन करें। सरसों के तेल में सिंदूर मिलकर दीपक करें, काजल से काली को, सिंदूर से हनुमान को, भस्म से यमराज को, रोली से श्रीकृष्ण को व चंदन से महादेव को तिलक करें। लोहबान, गुग्गल, चंदन से धूप करें। बरगद का पत्ता काली को, पीपल का पत्ता यमराज को, अशोक का पता हनुमानजी को, तुलसी श्रीकृष्ण को व बिल्व पत्र महादेव को चढ़ाएं। सफ़ेद, नीले, लाल, पीले व गुलाबी फूल चढ़ाएं। गुड़ इमरती, जलेबी, तेल में तली पूड़ी व सूजी के हलवे का भोग लगाएं तथा नारियल सिर से 14 बार वारकर समर्पित करें। लाल या काले हकीक की माला से इन विशेष मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजन के बाद भोग के प्रदार्थ चौराहे पर रख दें।

प्रार्थना: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रातःकाल ‘अपामार्ग’ और ‘चकबक’ को स्नान के समय मस्तक पर घुमाना चाहिए। इससे नरक के भय का नाश होता है।

प्रार्थना मंत्र: सितालोष्ठसमायुक्तं संकण्टकदलान्वितम्। हर पापमपामार्ग भ्राम्यमाण: पुन: पुन:।।

(हे अपामार्ग! मैं कांटों और पत्तों सहित तुम्हें अपने मस्तक पर बार-बार घुमा रहा हूं। तुम मेरे पाप हर लो)

तर्पण: स्नान के पश्चात् ‘यम’ के चौदह (14) नामों का तीन-तीन बार उच्चारण करके तर्पण (जल-दान) करना चाहिए। साथ ही ‘श्री भीष्म’ को तीन अञ्जलियां जल-दान देकर तर्पण करना चाहिए, यहां तक कि जिनके पिता जीवित हैं, उन्हें भी यह जल-अञ्जलियाँ देनी चाहिए।

जल-अञ्जलि हेतु यमराज के 14 नाम: ऊं यमाय नम:, ऊं धर्मराजाय नम:, ऊं मृत्यवे नम:, ऊं अन्तकाय नम:, ऊं वैवस्वताय नम:, ऊं कालाय नम:, ऊं सर्वभूतक्षयाय नम:, ऊं औदुम्बराय नम:, ऊं दध्राय नम:, ऊं नीलाय नम:, ऊं परमेष्ठिने नम:, ऊं वृकोदराय नम:, ऊं चित्राय नम:, ऊं चित्रगुप्ताय नम:।

छोटी दिवाली के स्पेशल टोटके

कर्ज़ों से मुक्ति के लिए: पूर्वमुखों होकर 4 बत्ती वाला मिट्टी का दीपक घर के मुख्य द्वार पर रखें।

रोग मुक्ति के लिए: सभी घर के परिजनों के सिर से 4 काली मिर्च के दाने वारकर कपूर से जला दें।

खूबसूरत-जवान बने रहने के लिए: श्रीकृष्ण पर चढ़ा हल्दी-चंदन का लेप शरीर पर लगाएं।

हर क्षेत्र में जीत के लिए: हं हनुमते नमः मंत्र का जाप करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमानजी पर चोला चढ़ाएं।

पुरानी बीमारी दूर करने के लिए: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर तिल के तेल से अभिषेक करें।

आज की इस पोस्ट (choti diwali) में इतना ही, में आशा करूँगा की आपको सब अच्छे से समझ आया होगा। फिर मिलेंगे किसी और टॉपिक के ऊपर चर्चा करने के लिए तब तक के लिए अलविदा और आपका इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।

Comments

  1. Beautiful post on Choti diwali and shayari also good. Great work love from UK.

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  2. Awesome yaar I share this knowledge with my mom she was so happy thanks for this choti diwali post and all information about diwali.

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